हो Communication हमारा-तुम्हारा,
तो Connection बढ़े हमारा।।
जिस प्रकार अक्षर से अक्षर मिलकर शब्द बनते हैं, शब्दों से वाक्य और वाक्यों से वक्तव्य—उसी प्रकार संघ संगठन को मजबूत करने का एक प्रयास हमारा भी हो।
स्थानीय अध्यक्ष, मंत्री एवं संगठन संयोजिकाओं से विनम्र निवेदन है कि अपने-अपने क्षेत्र में प्रत्येक 3 कि.मी. की दूरी पर साप्ताहिक/पाक्षिक मंडल लगवाए जाएँ (यदि गाँव या शहर 7 कि.मी. से अधिक क्षेत्र में फैला हो)। स्थानीय स्तर पर सभी श्राविकाओं को सहभागी बनने हेतु प्रेरित किया जाए।
संगठन का मूल उद्देश्य
अ) आजीवन सदस्य बनाना (श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति की सदस्यता)।
ब) स्थानीय स्तर पर मंडल लगवाना (दैनिक, साप्ताहिक एवं पाक्षिक)।
स) नववधुओं का स्वागत।
द) जहाँ मंडल का गठन नहीं है, वहाँ मंडल का गठन करना एवं जहाँ सदस्याएँ 10 से कम हों वहाँ प्रतिनिधि का चयन करना।
संगठन से संबंधित नियमावली
1. मंडल की शुरुआत नवकार मंत्र से हो।
2. मंडल का संचालन Talent वाइज — स्वाध्याय, थोकड़ा, भजन, प्रश्नोत्तरी, वक्तव्य कला एवं लेखन आदि की प्रतियोगिताओं द्वारा हो।
3. संघ की रीति-नीति, नियम एवं धारणाओं की जानकारी दी जाए।
4. वंदना के पश्चात् दो पंक्तियाँ संघ समर्पण गीत की प्रस्तुत की जाएँ।
5. मंगल पाठ एवं एक संक्षिप्त प्रत्याख्यान रखा जाए।
6. शुद्ध सामायिक (बिना बिजली और बिना सेल वाली घड़ी के) या संवर—इनमें से एक अनिवार्य रूप से हो।
7. चारित्र आत्माएँ विराजमान हों तो उनके सान्निध्य में मंडल आयोजित किया जाए।
8. धोवन-पानी की प्रभावशाली प्रभावना की जाए।
विशेष आग्रह
9. श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति का केसरिया गणवेश एकरूपता का प्रतीक हो—यह हमारी प्राथमिकता है।
10. स्थानीय मंडल की चयन प्रक्रिया आमसभा में होनी अनिवार्य है तथा उसकी रिपोर्ट अध्यक्ष/मंत्री के नाम सहित केंद्रीय कार्यालय, बीकानेर में भेजना आवश्यक है।
11. यदि एक से अधिक मंडल लगते हैं तो संगठन संयोजिकाएँ स्थानीय स्तर पर अपनी टीम गठित करें।
स्थानक की सार-संभाल
1. स्थानक में किसी प्रकार का श्रावक/श्राविका का चित्र नहीं होना चाहिए।
2. स्थानक में जीवों की रक्षा-सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए (जाले आदि न हों)।
3. स्थानक में रखी गई पुस्तकों का समय-समय पर प्रतिलेखन आवश्यक है।
4. स्थानक में नियमित रूप से सामूहिक धर्म आराधना का लक्ष्य रखा जाए।
पाठ्यक्रम
स्थानीय क्षेत्र अपनी-अपनी अनुकूलता के अनुसार अखिल भारतवर्षीय स्तर पर संचालित आयामों के अनुरूप अध्ययन का लक्ष्य निर्धारित करें।
श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति का एक सुदृढ़ प्रयास…..
केसरिया कार्यशाला जिसका ध्येय है…..
एक आलौकिक संघ। एक अनोखा गणवेश। एक अनूठा कार्य।
हर मंडल में, हर जगह…
आगम की अमृतवाणी को कार्य के माध्यम से सरलता से हर मंडल को एक सूत्र में बाँधने का प्रयास।
पिछले 6 वर्षों से यह प्रयास सतत जारी है —
हर बार नए क्षेत्रों को धर्म से, संघ से और समर्पण से जोड़ने की प्रेरणा के साथ।
🔸 वर्तमान में — “समयं गोयम मा पमायए” गतिविधि चल रही है।
श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन महिला समिति के अंतर्गत
हमारे संघ की 12 वर्ष से अधिक आयु की अविवाहित युवतियों के लिए “युवती शक्ति” के नाम से एक सशक्त मंच की स्थापना की गई है।
इस मंच का उद्देश्य है—
संघ की प्रतिभाशाली युवतियों को आगे लाना,
उनके विचारों और दृष्टिकोण को सम्मान देना,
धार्मिक संस्कारों का सिंचन कर उन्हें संघ से आत्मिक रूप से जोड़ना।
युवती शक्ति के माध्यम से हम उनमें नेतृत्व, सेवा, संस्कृति और धर्म के प्रति समर्पण की भावना विकसित कर
संघ में एक अद्भुत शक्ति का संचार करना चाहते हैं।
A) Discover the Incredible you – (18 Years above)
B) Discover the Incredible you – 2 (12-17 Years)
C) गठबंधन
एक प्रोफेशनल व्यक्ति किसी भी कार्य में निपुण हो सकता है और सफलता के शिखर को छू सकता है,
किन्तु जब तक उसके जीवन में गुरु के प्रति श्रद्धा और आध्यात्मिकता का विकास नहीं होता, तब तक उसका जीवन पूर्ण नहीं माना जा सकता।
वुमन मोटिवेशनल फोरम का उद्देश्य है—
संघ से जुड़ी महिलाओं में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर उनके व्यक्तित्व की पूर्णता में सहयोग देना।
प्रवृत्ति का मूल उद्देश्य
साधुमार्गी परिवार की महिला प्रोफेशनल्स का एक सशक्त मंच तैयार करना,
जिसमें वे महिलाएं शामिल हों जो— C.A., MBA, डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, IAS, पोस्ट ग्रेजुएट आदि उच्च शिक्षित हों, चाहे वे वर्तमान में इन डिग्रियों का उपयोग कर रही हों या नहीं, सभी इस मंच की पात्र हैं।
गतिविधियाँ
1. 12 भावना आधारित ऑफलाइन गतिविधि (मेवाड़ अंचल हेतु संभावित)
2. भ्रूणहत्या त्याग संकल्प-पत्र — सभी बहनों द्वारा संकल्प-पत्र भरना व दूसरों को भी भरवाना।
पंचसहस्त्री श्रद्धाभिषिक्त परिवारांजलि
इस आयाम का उद्देश्य है—
श्रद्धाभिषिक्त परिवारों द्वारा लिए गए नियमों का दृढ़ता से पालन करवाना,
साथ ही नए श्रावक-श्राविकाओं को जोड़ने हेतु अधिकतम प्रभावना करना।
इस हेतु स्टिकर पेस्टिंग जैसे माध्यमों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
“खुद जीएं सबको जीना सीखाएं-अपनी खुशियाँ चलो बांट आएं” इस मूलमंत्र को आत्मसात् करते हुए श्री अ.भा. साधुमार्गी जैन महिला समिति के तत्वाधान में कई वर्षों से स्वधर्मी सहयोग की यह प्रवृत्ति निरनतर गतिशील है।
हमारे समाज के वे अभावग्रस्त छात्र-छात्राएं जो धन के अभाव में शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते उन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को संघ की ओर से महिला समिति के तत्वाधान में छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
खुशियों का पिटारा – जनवरी-फरवरी-मार्च
सर्वधर्मी समर्पण – अप्रैल-मई-जून
जीवदयाणं – जुलाई-अगस्त-सितम्बर
आरोग्यं वृद्धि – अक्टूबर-नवम्बर-दिसम्बर
जो भी स्थानीय संघ सामाजिक कार्य करना चाहते हैं वो उपरोक्त सामाजिक कार्यों के अंतर्गत करने का लक्ष्य रखें।
आर्थिक आत्मनिर्भरता संसार में सभी सुखों की कुंजी है। महिला समीति द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों को स्वावलंबी बनाने के लिए गृहउद्योग योजना चलाई जा रही है। रतलाम (म.प्र.) के श्री जैन महिला गृहउद्योग मंदिर में मसाला विभाग तथा पापड़ उद्योग द्वारा कई परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इस गृहउद्योग को संचालित करने हेतु एक संचालिका समिति का गठन किया गया।
गर्भ संस्कार की दिशा में एक विशेष पहल
यह एक विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य है—
गर्भवती महिलाओं, नवविवाहित जोड़ों एवं भविष्य की माताओं को
मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाना।
🔸 यह कार्यक्रम हर दो माह में एक बार आयोजित किया जाता है।
🔸 अगला सत्र शीघ्र प्रारंभ होने जा रहा है।
🔸 रजिस्ट्रेशन अभी भी चालू है।
यदि आप या आपके परिचित इस कार्यक्रम का भाग बनना चाहते हैं,
तो नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से पंजीकरण करें:
https://forms.gle/AhfcsJkJq6WKoGpP9
✤ सज्झायम्मि रओ सया ✤
(सदा स्वाध्याय में रत रहो)
आचार्य भगवन् एवं उपाध्याय प्रवर ने सकल जैन समाज को 32 आगमों में से श्रावकों के वाचन योग्य 26 आगमों का प्रतिदिन (आजीवन) स्वाध्याय करने की प्रेरणा दी है।
महापुरुषों की इस दिव्य वाणी को आत्मसात करते हुए “सज्झायम्मि रओ सया”—इस अद्भुत प्रकल्प को शीघ्रातिशीघ्र सकल जैन समाज के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।
आज ही इस पावन प्रकल्प से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए Google Form के माध्यम से स्वयं, अपने परिवार के सदस्यों एवं अन्य श्रावक-श्राविकाओं का रजिस्ट्रेशन करें—
और जिनशासन एवं अपनी आत्मा के लिए अनुपम योगदान देने का यह स्वर्णिम अवसर न गंवाएं।
Register now : https://forms.gle/1ffmcWNnKHTAApVL6
✤ प्रतिक्रमण ✤
“अशुभ योग का त्याग कर शुभ योग में लौटना ही प्रतिक्रमण है।”
यह आत्मा की शुद्धि और निर्जरा का महान साधन है।
मोक्ष मार्ग की प्रथम सीढ़ी — प्रतिक्रमण।
🔸 प्रतिक्रमण साधक को आत्मावलोकन और आत्मोत्कर्ष की ओर प्रेरित करता है।
🔸 इसीलिए, श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति का ध्येय है—
“हर महिला सदस्य प्रतिक्रमण युक्त बने।”
🔸 सभी बहनों को प्रतिक्रमण कंठस्थ करना / करवाना अत्यंत आवश्यक है।
📌 नोट:
रजिस्ट्रेशन चालू है।
आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके अपना पंजीकरण करवा सकती हैं।
https://forms.gle/zpmPQAPDP7PmPJne8
✤ धार्मिक शिक्षण शिविर ✤
मीटिंग के दौरान स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक धार्मिक शिविर आयोजित करने की प्रेरणा दी जाए, जिससे संघ की विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाया जा सके।
✤ महिला स्वाध्यायी ✤
स्वाध्याय सेवा एक श्रेष्ठ सेवा है। अतः अधिक से अधिक बहनों को स्वाध्याय सेवा से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जाए।
✤ धार्मिक परीक्षा ✤
अंचल के क्षेत्रों की बहनों को “धार्मिक परीक्षाओं” में भाग लेने हेतु प्रेरित किया जाए, जैसे—
🔹 जैन संस्कार पाठ्यक्रम
🔹 कर्म प्रज्ञप्ति
🔹 महत्तम महोत्सव के अंतर्गत आयोजित परीक्षाएं
स्वयं भी जुड़े और दूसरों को जोड़ें, यही लक्ष्य हो।
✤ श्रमणोपासक ✤
स्थानीय स्तर पर होने वाली सभी धार्मिक गतिविधियों की रिपोर्ट “श्रमणोपासक” पत्रिका में समय पर भेजी जाए, इसके लिए संयोजिकाओं को सतत प्रेरित किया जाए।
✤ रिपोर्टिंग सिस्टम ✤
🔸 स्थानीय, आंचलिक एवं राष्ट्रीय संयोजिकाएं अपने स्तर पर हुई गतिविधियों का प्रत्येक माह गूगल फॉर्म के माध्यम से रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
🔸 यह रिपोर्टिंग कार्य की पारदर्शिता और संगठन की मजबूती का प्रतीक है।
✤ उच्च शिक्षा योजना ✤
“आचार्य श्री श्रीलाल जी म.सा. उच्च शिक्षा योजना” के अंतर्गत
🔹 हमारे समाज के अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को
🔹 श्रीसंघ द्वारा ब्याज मुक्त ऋण प्रदान कर
🔹 उच्च शिक्षा हेतु लाभान्वित किया जाए।
इसके लिए निरंतर प्रभावना और जानकारी देना आवश्यक है।
✤ आरूग्गबोहिलाभं ✤ I Jain My Jain के द्वारा आयोजित शिविर से जुड़ने की प्रेरणा देना।
✤ पाठशाला ✤ अधिक से अधिक बच्चों को पाठशाला में जाने के लिए प्रेरित करना।